वॉरेन बफे ‘निवेश’ (इन्वेस्टमेंट) गतिविधियों को विशुद्ध रूप से ‘व्यवसाय’ (बिजनेस) मानते हैं। निवेश करने की इस परिकल्पना (कॉन्सेप्ट) या दर्शन (फिलॉसफी) को पेशेवर भाषा में ‘व्यावसायिक दृष्टिकोण निवेश’ (बिजनेस पर्सपेक्टिव इन्वेस्टिंग) कहा जाता है। स्पष्ट है कि बफे की दृष्टि में निवेश वही है, जो व्यापार के मूल सिद्धांतों का पालन करता है और उसमें कहीं भी अटकलबाजी या सट्टेबाजी (स्पेकुलेशन) का कोई स्थान नहीं है। व्यापार का आधारभूत उद्देश्य लाभ (प्रॉफिट) कमाना है, जो अर्थशास्त्र के माँग (डिमांड) व आपूर्ति (सप्लाई) के मौलिक समीकरण (बेसिक फॉर्मूला) पर संचालित होता है। बफे की ऐतिहासिक निवेश सफलता का रहस्य इसी ‘व्यापार दृष्टिकोण निवेश’ में निहित है। यह शब्दावली सुनने व समझने में भले ही बहुत आसान लगती है, लेकिन यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण परिकल्पना है। ऐसा इसलिए नहीं है कि व्यापार के दृष्टिकोण से निवेश करने के लिए बहुत अच्छे वित्तीय (फाइनेंशियल) एवं लेखा संबंधी (एकाउंटिंग) ज्ञान की आवश्यकता होती है, बल्कि इसलिए कि यह पूँजी बाजार (कैपिटल मार्केट) की प्रचलित बुद्धिमत्ता (प्रिवेलिंग विज्डम) बहुत ही अलग है।